गुरुवार, 31 जनवरी 2008

'आत्मदाह कर रही हैं अफ़ग़ान महिलाएँ'

हाल में मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने महिलाओं की बुरी दशा पर रिपोर्ट जारी की थी
अफ़ग़ानिस्तान में सक्रिय ग़ैरसरकारी संगठनों के अनुसार देश में महिलाओं के आत्महत्या करने के मामले बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि दिन-प्रतिदिन यातनाएँ सहने के कारण और ज़बरदस्ती शादी करवाए जाने से तंग आकर महिलाएँ आत्महत्या कर रही हैं। इन संगठनों के अनुसार पूरी तरह आँकड़े जुटाना और स्थिति का आकलन करना मुश्किल है लेकिन केवल राजधानी काबुल में ही ख़ुद को आग लगाकर आत्महत्या करने वाली महिलाओं की संख्या पिछले साल के मुकाबले में दोगुना हो गई है. काबुल में इस साल आत्मदाह के 36 मामले सामने आए हैं. श्चिमी अफ़ग़ानिस्तान के हेरात शहर में तो हर रोज़ इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. ग़ैरसरकारी संगठन मेडिका मॉंडिएल के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया, "ये मामला युवाओं से संबंधित है और आत्मदाह करने वाली अधिकतर लड़कियाँ नौ से 40 साल में हैं. वे ऐसा इसलिए कर रही हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके लिए अपनी समस्याओं से बाहर निकलने का और कोई रास्ता नहीं है." मेडिका मॉंडिएल के प्रवक्ता का कहना था कि हो सकता है कि ये ईरान के प्रभाव में हो रहा हो क्योंकि वहाँ ये प्रथा आम है. हाल में मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान को सत्ता से बेदख़ल करने के बाद से महिलाओं की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है.
साभार दीन्क्क भाष्कर

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